Prithvi Kaise Ghumti Hai | पृथ्वी कैसे घूमती है

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Prithvi Kaise Ghumti Hai :- Prithvi Ghumti Kaise Hai के बारे मे अगर आप सोचते है और आपको जानना चाहते है की पृथ्वी कैसे घूमती है, या हमारी पृथ्वी कैसे घूम रही है, तो आज के लेख मे पृथ्वी को कौन घूम रहा है? 1 दिन मे पृथ्वी कितनी घूम रही है और पृथ्वी के घूमने से जुड़ी (Prithvi Kaise Ghumti Hai) कुछ आवश्यक जानकारी आज के लेख मे दी गई है।

हम जिस ग्रह पर रहते है वर्तमान समय में जीवन केवल इसी ग्रह पर मौजूद है जिसे धरती या अंग्रेजी में Earth कहा जाता है। आपने बचपन से हि इस ग्रह के बारे में अलग अलग तरह की जानकारियों को पढ़ा और जाना होगा मगर क्या आप जानते है की Prithvi Kaise Ghumti Hai? या हमारा यह ग्रह सूर्य का चक्कर काटता है वह इस प्रक्रिया को कैसे पूरा करता है। यह एक बहुत ही रोचक सवाल है जिसका सरल शब्दों में आज के लेख में उत्तर दिया गया है।

Prithvi Kaise Ghumti Hai
Prithvi Kaise Ghumti Hai

धरती सूर्य का चक्कर काटती है, यह हर कोई जानता है। मगर इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए धरती कैसे घूमती है, यह जानना भी जरूरी है। आज के लेख में हम आपको बताएंगे कि Prithvi Kaise Ghumti Hai? इसका निर्माण कैसे हुआ? और पृथ्वी को कौन घूमता है? अगर आप इस तरह के सवालों में उलझे हुए हैं तो आज के लेख के साथ अंत तक बने रहें।

पृथ्वी क्या है?

पृथ्वी एक ग्रह है जो लाखों सालों से सूर्य का चक्कर काट रही है। पृथ्वी जिसे हम धरती भी कहते हैं यह सूर्य का अंश है जो लाखों साल पहले सूर्य के साथ कुछ पिंडो के टकराने से बनी थी। वर्तमान समय में पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है जहां जीवन संभव है। 

पृथ्वी एक संस्कृत शब्द है जिसका मतलब एक विशाल धारा होता है। हिंदू धर्म की एक पौराणिक कथा के अनुसार राजा पृथु के नाम पर इस ग्रह का नाम पृथ्वी पड़ा था। आज से लाखों साल पहले कुछ पिंड सूर्य से टकरा गए जिससे सूर्य के बहुत सारे टुकड़े हो गए उसमें से 9 टुकड़े सूर्य की गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से उसकी कक्षा से बाहर न जा सके और सूर्य का चक्कर काटने लगे। तब से लेकर आज तक कई लाख साल से पृथ्वी सूर्य का चक्कर काट रही है और आने वाले समय में भी इस तरह सूर्य का चक्कर काटते रहेगी। 

पृथ्वी कैसे बनी?

पृथ्वी सूर्य के टुकड़े से बनी है। एक धमाके में सूर्य के बहुत सारे टुकड़े हुए उनमें से 9 टुकड़े सूर्य की गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उसके कक्षा में घूमने लगे सूर्य कि इन सभी टुकड़ों में सूर्य के जितनी चमक नहीं थी इस वजह से इन सभी टुकड़ों को ग्रह का नाम दिया गया इन नौ ग्रहों के परिवार को हम सौर्य मंडल कहते है। हमारे सौरमंडल का तीसरा ग्रह पृथ्वी है। 

धरती सूर्य से बहुत पास नहीं है इस वजह से उस पर सूर्य से जलने का खतरा नहीं होता है और बाकी ग्रहों की तरह यह सूर्य से बहुत दूर भी नही है। सूर्य से पर्याप्त दूरी पर होने के कारण धरती पर सूर्य ऊर्जा के केंद्र की तरह काम करता है। सूर्य से निकलने के बाद कई सालों तक सूर्य के चारों तरफ घूमते हुए धरती ठंडी हो गई और वक्त के कुछ पैमाने पर धरती जब ठंडी होती थी तो यहां बर्फ जमने लगती थी और जब गर्मी बढ़ती थी तो वह बर्फ पिघलने लगता था। इस पूरी प्रक्रिया ने यहां सूर्य, आकाश, अग्नि, माटी, पानी, हवा ने ऐसा चमत्कार किया कि पृथ्वी पर जीवन पनपने लगा। हालांकि आज भी वैज्ञानिकों के लिए यह एक बड़ी घुटी है कि धरती पर जीवन कैसे शुरू हुआ?

Prithvi Kaise Ghumti Hai | पृथ्वी कैसे घूमती है?

धरती लगभाग 30 Km/Sec की रफ्तार से सूर्य का चक्कर काटती है, और 460 मीटर पर सेकंड की रफ्तार से अपने धुरी (Axies) पर घूमती है। पृथ्वी एक Eliptical Circle मे सूर्य के चारों ओर घूमती है, और पृथ्वी के घूमने का कारण बरंभाण्ड मे हर object के बीच मौजूद Gravity Force है।

जब धरती सूर्य से निकली तब से लेकर आज तक इस तरह घूम रही है। धरती 365 दिन में सूर्य का एक चक्कर काटती है और 24 घंटे में अपनी धुरी पर एक चक्कर काटती है। जब धरती अपनी धुरी पर घूमती है, तो उस दौरान धरती के एक हिस्से पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है और उस हिस्से में दिन होता है और उस के दूसरे हिस्से में रात होती है। इस तरह अपनी धुरी पर घूमते हुए दिन रात को पूरा करते हुए धरती सूर्य के चारों ओर घूमती है और एक साल पूरा होता है।

अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि अगर धरती घूमती है तो हमें महसूस क्यों नहीं होता है? जब हम एक जगह से हवाई उड़ान भरते है तो हर बार उसी जगह कैसे उतरते है? धरती के घूमने की वजह से कोई भी वस्तु अपना स्थान क्यों नहीं बदल लेती है?

इस तरह के अलग-अलग सवाल आपके मन में घूम रहे होंगे। हम आपको बता दें कि आइज़क न्यूटन ने हमें रेफरेंस प्वाइंट का सिद्धांत समझाया था, जिसका तात्पर्य होता है कि जब तक हम किसी दूसरी वस्तु से अपनी तुलना नहीं करते तब तक हम अपनी स्थिति का पता नहीं लगा सकते है। अर्थात धरती पर आप जितनी भी वस्तु को देख रहे हैं चाहे वह आपका घर, बगीचा, एयरपोर्ट, स्टेशन, या आप खुद और आपका पलंग भी धरती के साथ इसी रफ्तार से अपनी ध्रुव पर घूम रहा है और उतनी ही तेजी से सूर्य का चक्कर भी काट रहा है। 

आप जैसे आसमान को देख रहे हैं वह एटमॉस्फेयर है जो एक परत की तरह धरती को ढके हुए है। आपका एटमॉस्फेयर वाला आसमान, और आपके आंख से दिखने वाली हर चीज सूर्य के चारों ओर 107000 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से घूम रहा है। इसके अलावा धरती अपनी जगह पर लगभग 1000 मील प्रति सेकेंड की रफ्तार से घूम रही है।

अगर आपको यह बात हजम नहीं होती तो उदाहरण के तौर पर – मान लीजिए आप एक ट्रेन में है और ट्रेन 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही है। मगर ट्रेन जरा भी हिल नहीं रही है और उसके खिड़की दरवाजे चारों तरफ से बंद है। अब सोच कर देखिए की आपको कैसे पता चलेगा कि ट्रेन चल रही है, ऐसा ही धरती के साथ होता है।

जब आप उस ट्रेन की खिड़की को खोलेंगे और आप ट्रेन के बाहर के नजारे को देखेंगे तब आप समझ पाएंगे कि आपका ट्रेन तेजी से आगे बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों के साथ भी ऐसा ही हुआ जब वैज्ञानिकों ने धरती के बाहर जाकर देखा तो पाया कि धरती बहुत तेजी से अपनी ध्रुव और सूर्य के चारों तरफ घूम रही है। इस पर अधिक अध्ययन करने से मालूम चलता है कि न केवल पृथ्वी बल्कि ब्रह्मांड में मौजूद हर चीज तेजी से घूम रही है या किसी का चक्कर काट रही है।

पृथ्वी को कौन घुमाता है?

पृथ्वी को बरंभाण्ड के हर object के बीच मौजूद गरुत्वाकर्षण बल घूमता है। सूर्य और अन्य ऑब्जेक्ट अपनी गरुत्वाकर्षण से धरती को खिचते है मगर इतना नहीं खीच पते की धरती अपने मार्ग से भटक जाए और इस बल का परिणाम पृथ्वी को घूमता है।

पृथ्वी कैसे घूमती है, इसे और अच्छे से समझने के लिए आपको यह समझना होगा कि पृथ्वी को कौन घुमाता है? और यह पूरी प्रक्रिया कैसे नियंत्रित होती है? 

आपको बता दें कि पृथ्वी या ब्रह्मांड में मौजूद सभी वस्तु, या खगोलीय पिंड गुरुत्वाकर्षण बल के कारण घूमते है। सर आइज़क न्यूटन ने आज से कहीं साल पहले यह समझाया था कि हर वस्तु में गुरुत्वाकर्षण बल होता है। दो वस्तु के बीच का गुरुत्वाकर्षण बल उन दोनों वस्तुओं को किस रफ्तार से खींचेगा यह उनकी दूरी और वजन पर निर्भर करता है। पृथ्वी पर सबसे भारी धरती है, इस वजह से पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल दिखता है और बाकी अन्य वस्तु का गुरुत्वाकर्षण बल उसके आगे फीका पड़ जाता है।

जब हम ब्रह्मांड के स्तर पर देखते है, तो हमें मालूम चलता है की धरती से भारी अन्य ग्रह धरती को अपनी तरफ खींचते है और सूर्य भी धरती को अपनी तरफ खींचने की कोशिश करता है। इस तरह यह सभी खगोलीय पिंड एक दूसरे को खींचते है मगर कोई भी खगोलीय पिंड इतना अधिक खिंचाव पैदा नहीं कर पता है कि धरती अपने मार्ग से भटक जाए, इस वजह से धरती घूमने लगती है मगर अपने मार्ग से नहीं भटकती है। 

ब्रह्मांड में मौजूद हर खगोलीय पिंड गुरुत्वाकर्षण बल के कारण एक-दूसरे को खींचने का प्रयास करता है। इस खिंचाव की वजह से ब्रह्मांड में मौजूद हर वस्तु घूमने या चलने लगती है। कौन सी वस्तु कितनी तेजी से घूमेगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसे खींचने वाले वस्तु का वजन कितना है और वह उस से कितनी दूरी पर स्थित है। 

उदाहरण के तौर पर – अगर आप एक चादर को चारों तरफ से बांध दें और बीच में एक भारी गेंद रख दे और उसके बाद एक छोटी गेंद उस चादर पर फेक दें, तो आप पाएंगे की वह छोटी गेंद बड़ी गेंद के चारों ओर घूमने लगी है। बिल्कुल ऐसा ही हमारे सौरमंडल में होता है। पूरे स्वरमंडल के बीच एक गुरुत्वाकर्षण बल की चादर बिछी हुई है जिसके मध्य में सूर्य सबसे भारी गेंद के रूप में मौजूद है और बाकी सभी ग्रह छोटी गेंदों की तरह उस सूर्य का चक्कर काट रही है।

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ब्रह्मांड में सबसे तेज क्या घूमता है?

आपके मन में यह प्रश्न जरूर उठता होगा कि पृथ्वी जब 1,07,000 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से सूर्य का चक्कर काट रही है तो क्या इससे अधिक रफ्तार से कोई और ग्रह घूम रहा है?

आपको बता दें कि हमारे सौरमंडल में सबसे अधिक रफ्तार से बुध या Mercury ग्रह घूमता है। सूर्य के सबसे निकट रहने की वजह से यह ग्रह काफी तेजी से घूमता है। इसके अलावा मरकरी हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है और सबसे बड़ा ग्रह Jupiter या मंगल को मना जाता है।

बुध मात्र 88 पृथ्वि दिनों में सूर्य का एक चक्कर काट लेता है। जहां धरती को 365 दिन सूर्य का एक चक्कर काटने में लगते है वही बुध को मात्र 88 दिन लगते है, सूर्य का एक चक्कर काटने के लिए इतना कम समय कोई और ग्रह नहीं लेता है।

1 दिन में पृथ्वी कितनी है बार घूमती है?

जैसा कि हमने आपको बताया पृथ्वी अपनी ध्रुव पर घूमती है और सूर्य के चारों तरफ भी घूमती है। जब धरती अपने ध्रुव पर घूमती है तो इससे दिन और रात होता है। आप 23 घंटे 56 मिनट पर एक दिन अनुभव करते है और इस वजह से पृथ्वी 23 घंटे 56 मिनट में एक बार अपनी ध्रुव पर घूमती है, और इस वजह से हम कह सकते है की पृथ्वी 24 hr मे 1 बार घूमती है।

इस समय को रोजमर्रा के जीवन में हिसाब किताब करने योग्य बनाने के लिए हम ऐसा मानते है कि 24 घंटे का पूरा दिन होता है। 1 दिन में धरती अपनी धुरी (Axis) पर एक बार घूमती है और इस तरह अपनी धुरी पर घूमते हुए धरती आगे बढ़ती है। जब 365 दिन बीत जाते है तब धरती सूर्य का एक चक्कर काट पाती है। 

हर 4 साल में आपने 366 दिन महसूस किया होगा आपको बता दें कि हर दिन धरती 4 मिनट पहले अपनी धुरी का चक्कर पूरा कर लेती है जब इसी 4 मिनट को हम जोड़ते है तो 4 साल में यह 1 दिन बन जाता है और हर 4 साल में एक बार 366 दिन आता है। 

पृथ्वी घूमती है तो अन्य चीजें गिरती क्यों नहीं?

पृथ्वी घूमती है यह हर कोई जानता है। मगर पृथ्वी घूमती है तो गिरती क्यों नहीं यह भी एक साधारण सवाल है? आपके मन में सवाल आता होगा कि धरती का पानी गिर क्यों नहीं चाहता है? इतनी तेजी से धरती घूम रही है तो हम धरती पर स्थिर कैसे हैं?

विज्ञान के एक महान वैज्ञानिक सर आइज़क न्यूटन ने हमें बताया है कि ब्रह्मांड में मौजूद हर वस्तु दूसरी वस्तु को अपनी तरफ खींच रही है। धरती पर मौजूद हर चीज एक दूसरे को अपनी तरफ खींचती है मगर धरती का भार सबसे अधिक है इसलिए सबसे ज्यादा तेजी से धरती खींचती है और उसकी रफ्तार के आगे अन्य खिंचाव महसूस नहीं होता है।  

इस गुरुत्वाकर्षण के खिंचाव की वजह से धरती पर मौजूद हर चीज एक-दूसरे से जुड़ी हुई है और गिर नहीं पति है। धरती अपने गुरुत्वाकर्षण बल से हर चीज को अपनी तरफ खींच कर रख पाती है।

धरती का गुरुत्वाकर्षण बल खत्म कैसे करें?

आपको जानकर हैरानी होगी कि आप धरती के गुरुत्वाकर्षण बल से आजाद हो सकते है। जब पहली बार वैज्ञानिकों को इस सिद्धांत के बारे में मालूम चला था तब वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट का निर्माण किया था और इस आविष्कार ने इंसानों की किस्मत बदल कर रख दी।

धरती पर मौजूद हर वस्तु को धरती अपनी तरफ खींचने का प्रयास करती है। मगर जब Escape Velocity से कोई वस्तु चल रही होती है तो उस पर गुरुत्वाकर्षण का असर नहीं होता है। 

Escape Velocity = 11 Km/Sec

सरल शब्दों में अगर धरती पर आप किसी निश्चित दिशा में 11 किलोमीटर/ सेकंड की रफ्तार से चलेते है तो आपके ऊपर गुरुत्वाकर्षण का असर नहीं होगा और आप हवा में उड़ते रह जाएंगे। 

पृथ्वी से जुड़ी कुछ रोचक बातें | Some Facts on Earth

ऊपर बताई गई सभी जानकारियों को पढ़ने के बाद आप पृथ्वी से जुड़ी कुछ ऐसी बातों को समझे होंगे जिसने आपके जिज्ञासा से निकले विभिन्न सवालों का जवाब दिया होगा।

  • पृथ्वी का जन्म सूर्य से हुआ है।
  • पृथ्वी सूर्य का चक्कर काटते हुए जब सूर्य के पास चली जाती है तब गर्मी का मौसम आता है और जब सूर्य से दूर चली जाती है तो ठंड का मौसम आता है।
  • पृथ्वी अपनी धुरी पर झुकी हुई है, जिस वजह से पृथ्वी के अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग मौसम होता है।
  • चंद्रमा का जन्म धरती से हुआ है।
  • ब्रह्मांड की सभी चीजें एक दूसरे को खींचती है जिस वजह से उल्कापिंड और धूमकेतु धरती पर गिरते है, या नजर आते है।
  • पृथ्वी अपने अक्ष पर पूरब से पश्चिम की तरफ घूमती है। इस वजह से सूरज हमेशा पूरब से निकलता है और पश्चिम की तरफ जाता हुआ दिखता है।
  • सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे नजदीक तारा पॉक्सिमा सेंचुरी है।
  • सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक आने में 8 मिनट 18 सेकेंड लगता है।
  • पृथ्वी की औसत आयु 4600,000,000 साल है।

Prithvi Kaise Ghumti Hai से जुड़े कुछ प्रसन्न (FAQ)

Q. पृथ्वी की उम्र कितनी है?

पृथ्वी की एक औसतन उम्र 46 अरब साल मानी जाती है।

Q. पृथ्वी पर सबसे पहले कौन आया था?

विज्ञान के अनुसार धरती पर सबसे पहले बैक्टीरिया आया था जिसमें हुए परिवर्तन के कारण अलग-अलग तरह के जीव जन्म लिए। कुछ अन्य अध्ययन और पौराणिक कथा के अनुसार धरती पर सबसे पहले ऋषि मनु आए थे मनु की संतान को ही मनुष्य या मानव का नाम दिया गया। 

Q. पृथ्वी को किसने बनाया है?

पृथ्वी सूर्य का अंश है और Big Bang के बाद अलग-अलग गैस के गोले ब्रह्मांड में बिखर गए थे जिनमें टक्कर हुई और हमारे सूर्य का टुकड़ा हो गया जिसमे तीसरा टुकड़ा पृथ्वी बना। 

Q. पृथ्वी कैसे बनी?

बिग बैंग के बाद जब सूर्य से कुछ अन्य गैस के गोले टकरा गए तो सूर्य के कई टुकड़े हुए जिनमें से गुरुत्वाकर्षण बल के कारण केवल 9 टुकड़े सूर्य की परिक्रमा करने लगे। वक्त के साथ यह टुकड़े ठंडे होने लगे और पृथ्वी पर जीवन शुरू हो गया। 

Q. डायनासोर कहां गए?

हजारों साल पहले धरती पर गिरे उल्कापिंड के कारण डायनासोर का खात्मा हुआ था जिसके बाद अफ्रीका में बंदर जैसे दिखने वाली प्रजाति शुरू हुई थी और वहां से मानव संरचना शुरू हुई। 

Q. पृथ्वी का विनाश कब होगा?

अलग-अलग पौराणिक कथा के अनुसार जब धरती पर पाप बढ़ जाएगा तब कोई भगवान अवतार लेंगे और धरती का पूर्ण सर्वनाश करके इसे दोबारा शुरू करेंगे। मगर विज्ञान के अनुसार तीसरा विश्वयुद्ध, तेज महामारी, प्रदूषण, या किसी उल्कापिंड के गिरने के कारण धरती का सर्वनाश हो सकता है।  

निष्कर्ष

इस लेख में हमने आपको बताया कि पृथ्वी कैसे घूमती है, (Prithvi Kaise Ghumti Hai) पृथ्वी का जन्म कैसे हुआ और पृथ्वी से जुड़ी कुछ अन्य रोचक जानकारी हमने आपके साथ साझा की है। अगर हमारे द्वारा बताई गई जानकारियों को पढ़ने के बाद पृथ्वी और पृथ्वी की कार्यप्रणाली के बारे में आप अच्छे से समझ पाए है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथियों अपने सुझाव और विचार कमेंट में बताना ना भूले। 

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